मंगलवार, 4 जून 2013

एखन सुति  क  उठले छलहुं  की अँगना  सं जोर -जोर सं  ककरो बाजय  के आवाज  सुनलिये .ओतय गेला पर ,देखलिये ,बडकी बहिन खूब तमसैल छलखिन .पुछलियनि ,की बात ?कोन    कारने अतेक  तम्सैल छथिन ?ओ ,ओहिना त्मसैत कह  लाग्ल्खिन , मै  गे मै ,अहि गाम  में  डनियाही  मउगी  के कोनो  कमी नहि  छैक .सब  हमरा सब सं जरय  जाई  छैक .से हम कोना बुझलिये  त ! किछु दिन पहिने ,सुधिया  के बोखार  धेल्कै ,त ,सुधिया  माय  हमरा सं ,बोखार  नपना  (थर्मामीटर ) मांगि  क लय  गेल छल .दितीये  ने कोना ?आखिर लोको त  बुझौक  जे हमरा सब लग कोन  सब चीज  रहैत  छैक .आहां  सब केहन -केहन  चीज वस्तु  आनि  क  हमरा दैत  छियै .मुदा  ओइ मउगी  के  कारनामा देखियौ  .भरले बोखार  थर्मामीटर  हमरा  घुरौलक  अछि ! जे  की  हिनको  सब के वैह  बिमारी  भ जाई . हम हुनका  हाथ सं  थर्मामीटर लय  क कौल  लग  जा  क  जोर सं  थर्मामीटर  के झाडी  देलियैक  आ कहलियानी  हे यै  ,हम एकरा  में  भरल  सब  टा  बोखार  नाली  में  क  बहा  देलियनि  आब चिंताक  कोनो  बात नहि .तथापि  ओ कनी  काल  तक बड़बडैत  रहल्खिन .