एखन सुति क उठले छलहुं की अँगना सं जोर -जोर सं ककरो बाजय के आवाज सुनलिये .ओतय गेला पर ,देखलिये ,बडकी बहिन खूब तमसैल छलखिन .पुछलियनि ,की बात ?कोन कारने अतेक तम्सैल छथिन ?ओ ,ओहिना त्मसैत कह लाग्ल्खिन , मै गे मै ,अहि गाम में डनियाही मउगी के कोनो कमी नहि छैक .सब हमरा सब सं जरय जाई छैक .से हम कोना बुझलिये त ! किछु दिन पहिने ,सुधिया के बोखार धेल्कै ,त ,सुधिया माय हमरा सं ,बोखार नपना (थर्मामीटर ) मांगि क लय गेल छल .दितीये ने कोना ?आखिर लोको त बुझौक जे हमरा सब लग कोन सब चीज रहैत छैक .आहां सब केहन -केहन चीज वस्तु आनि क हमरा दैत छियै .मुदा ओइ मउगी के कारनामा देखियौ .भरले बोखार थर्मामीटर हमरा घुरौलक अछि ! जे की हिनको सब के वैह बिमारी भ जाई . हम हुनका हाथ सं थर्मामीटर लय क कौल लग जा क जोर सं थर्मामीटर के झाडी देलियैक आ कहलियानी हे यै ,हम एकरा में भरल सब टा बोखार नाली में क बहा देलियनि आब चिंताक कोनो बात नहि .तथापि ओ कनी काल तक बड़बडैत रहल्खिन .